यूपी के प्रयागराज में हुई माफिया अतीक बदर्स की हत्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. प्रयागराज में पुलिस अभिरक्षा में मेडिकल के लिए अस्पताल ले जाने के दौरान अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी. अब इस हत्या के मामले की जांच को लकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग
न्यायाधीश एस रविंद्र भट्ट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने आज इस मामले की सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में मांग की गई है कि इस पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में करवाई जाए. सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पेश हुए.
हत्यारों को अतीक की जानकारी कैसे मिली- SC
पीठ ने यूपी सरकार से सवाल करते हुए कहा, हत्यारों को कैसे पता की अतीक वहां आने वाला था. ये भी पूछा गया कि एंबुलेंस को अस्पताल के अंदर क्यों नहीं लेकर जाया गया. आखिर क्यों अतीक-अशरफ की अस्पताल परिसर में पैदल परेड कराई गई.
सरकार खाना पूर्ति कर रही है- याचिकाकर्ता
इस दौरान याचिका दायर करने वाले वकील विशाल तिवारी ने कहा कि यूपी सरकार खाना पूर्ति कर रही है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में कमीशन बनाया जाए.
हमने जांच के लिए दो कमीशन बनाये हैं- रोहतगी
मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. लेकिन हमने जांच के लिए दो अलग कमीशन बनाए हैं. रोहतगी ने कहा कि कोर्ट को नोटिस जारी करने की जरूरत नहीं है, हम रिकॉर्ड पेश करेंगे.
सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब
जस्टिस रविंद्र भट्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता का कहना है कि ये एक पैटर्न है, हो सकता है कि आयोग एक सैंपल केस ले. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से उठाए गए कदमों पर स्टेटस रिपोर्ट तलब की है.
‘183 एनकाउंटर की जांच भी एक्सपर्ट कमेटी करे’
दरअसल, याचिका में ये मांग भी की गई है कि 2017 से उत्तर प्रदेश में अब तक हुए 183 एनकाउंटर की जांच सुप्रीम के रिटायर्ड जज की निगरानी में एक्सपर्ट कमेटी से कराई जाए. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. शीर्ष अदालत ने कहा है कि अब इस मामले पर तीन हफ्ते बाद सुनवाई की जाएगी.