देश में सियासी घमासान के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi ) ने नए संसद भवन (parliament building) का उद्घाटन किया, उद्घाटन समारोह की शुरुआत पूजा के साथ हुई, इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पूजा में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी मौजूद रहे, इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के दौरान भवन के अंदर सेंगोल स्थापित किया, नए संसद भवन में उद्घाटन के बाद ‘सर्व-धर्म’ प्रार्थना की गई, इस मौके पर पीएम मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद भवन के निर्माण में काम करने वाले श्रमिकों को भी सम्मानित किया…।

इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि जैसे ही भारत की संसद के नए भवन का उद्घाटन हुआ है, हमारे दिल और दिमाग गर्व और आशा से भर गए हैं। यह प्रतिष्ठित इमारत सशक्तिकरण, सपनों को जगाने और उन्हें हकीकत में बदलने का उद्गम स्थल बने। यह हमारे महान राष्ट्र को प्रगति की नई ऊंचाइयों तक ले जाए।

वही धर्म प्रार्थना में हिस्सा लेने वाले जैन संत आचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि भारत के लिए आज का दिन ऐतिहासिक दिन है। राजदंड(सेंगोल) को उचित स्थान मिला है। आज सभी परंपराओं की प्रार्थना हुई है।

सर्व-धर्म प्रार्थना में हिस्सा लेने वाली जसबीर कौर ने कहा कि यह नया भवन एक परिवर्तन है और हमारे लिए एक ऐतिहासिक पल है… हम सभी धर्म के लोग सर्व-धर्म प्रार्थना में एक ही चीज कहते हैं कि हमारा भारत एक साथ मिलकर रहे और तरक्की करे…।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि हमने पुराने संसद भवन में भी काम किया और अब नए संसद भवन में भी काम करेंगे। कांग्रेस पार्टी को देश में जो भी अच्छा होता है वह पसंद नहीं आता। यह लोकतंत्र का मंदिर है।

RJD द्वारा किए गए ट्वीट पर बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि आज भले ही सभी दलों के लोगों ने भवन बहिष्कार किया हो लेकिन कल सदन की कार्यवाही तो वहीं चलने वाली है। क्या राष्ट्रीय जनता दल ने यह तय कर लिया है कि वे नए संसद भवन का स्थायी रूप से बहिष्कार करेंगे? क्या वे लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे? ताबूत का चित्र दिखाना इससे ज़्यादा अपमानजनक कुछ नहीं है।

NCP नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि बिना विपक्ष की मौजूदगी के नए संसद भवन का उद्घाटन संपन्न नहीं हो सकता, इसका मतलब है कि देश में लोकतंत्र नहीं है। ये एक अधूरा कार्यक्रम है। 3 दिन पहले हमें व्हाट्सएप पर निमंत्रण भेजा गया। वे फोन पर विपक्ष के नेताओं से संपर्क कर सकते थे… पुराने संसद भवन से हमारी यादें जुड़ी हुई हैं। हम सभी पुराने संसद भवन से प्यार करते हैं, वह भारत की आज़ादी का वास्तविक इतिहास है। लेकिन अब हमें नए संसद भवन में जाना होगा।

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