समूचे देश में बीजेपी (BJP) के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष बनाने की कवायत में लगे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अपनी ही पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. नीतीश कैबिनेट में मंत्री रहे संतोष मांझी (Santosh Manjhi) इस्तीफा दे चुके हैं. अब इस्तीफे को लेकर संतोष मांझी का बयान सामने आया है.
हम ने संघर्ष का रास्ता चुना- मांझी
मांझी ने कहा है कि मैंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेज दिया है. मेरे इस्तीफा देने की एक ही वजह है. विलय करने के लिए हमारे पास प्रस्ताव आया था. हमने अपने कार्यकर्ताओं, विधायकों और सभी से बात की तो सभी ने विलय के लिए मना कर दिया. विलय का प्रस्ताव JDU की तरफ से आया था. हम जेडीयू की भावनाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन हमारी पार्टी भी बनी है तो कुछ मुद्दों को लेकर बनी है, इसलिए बेहतर था कि हम संघर्ष का रास्ता चुनें, इसलिए हमने विलय का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया.
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हम महागठबंधन का हिस्सा नहीं- मांझी
एनडीए में जाने के सवाल पर संतोष मांझी ने कहा कि इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, हम अकेले भी चुनाव लड़ सकते हैं. आगे क्या होगा इस पर सभी से चर्चा करके फैसला लिया जाएगा. हमारी पार्टी ने खुद को महागठबंधन से अलग कर लिया है. हम तो रहना चाहते थे लेकिन बड़ी पार्टियां हमकों नहीं रखना चाहती हैं. पार्टी का अस्तित्व खत्म करना चाहती हैं तो हमने महागठबंधन से अलग होने का भी फैसला लिया है.
‘इस्तीफे के बाद अब वापसी के मायने नहीं’
संतोष मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार के मनाने और समझाने की बात तो तब होती है जब आपका अस्तित्व रहे, इसलिए हमने पार्टी को चलाने के लिए अलग होने का फैसला लिया है, जब नीतीश कुमार से हमारी आखिरी मीटिंग हुई, उससे पहले भी हमारे सामने प्रस्ताव रखा गया था. संतोष मांझी ने कहा कि जब एक बार इस्तीफा दे दिया तो फिर वापस लेने की बात कहां है.