कर्नाटक की BJP सरकार ने शेड्यूल कास्ट को दिए जा रहे आरक्षण में केंद्र की सिफारिश लागू कर दी हैं। राज्य के बंजारा और भोवी समुदाय के लोगों ने सोमवार को इसका विरोध शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के घर पर पत्थरबाजी की। बंजारा समुदाय का कहना है कि सरकार के फैसले से उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। यह फैसला तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।

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प्रदर्शनकारियों ने CM के पोस्टर जलाये

प्रदर्शनकारियों ने विरोध जताते हुए पुलिस पर भी पथराव किया. बंजारा समुदाय का कहना है कि जिस तरह से आरक्षण का बंटवारा हुआ है, ऐसे में उनका हिस्सा कम हो गया है. प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के पोस्टर भी जलाए. कर्नाटक में राज्य सरकार के अनुसूचित जातियों के बीच आंतरिक आरक्षण पर एजे सदाशिव पैनल आयोग की रिपोर्ट को लागू करने के लिए केंद्र को सिफारिश करने के फैसले के विरोध में बंजारा समुदाय ने प्रदर्शन किया.

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धारा 144 लागू, फैसले को वापस ले सरकार- बंजारा समुदाय

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी किया. इस दौरान एक पुलिसकर्मी घायल हो गया. अप्रिय घटना को रोकने और शांति बहाल करने के लिए शिकारीपुर कस्बे में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. बंजारा समुदाय का मानना है कि नई नीति से उनके हितों को नुकसान पहुंचेगा और वो इसकी वापस की मांग कर रहे हैं.

सरकार ला रही आरक्षण का नया ब्रेकअप

दरअसल, बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने केंद्र को शिक्षा और नौकरियों में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण के एक नए ब्रेकअप की सिफारिश की है. उन्होंने सिफारिश की है कि एससी समुदाय के लिए 17 प्रतिशत आरक्षण में से 6 प्रतिशत अनुसूचित जाति (लेफ्ट), 5.5 प्रतिशत अनुसूचित जाति (राइट), 4.5 प्रतिशत ‘छूत’ के लिए और एक प्रतिशत अन्य के लिए किया जाए. ये फैसला 2005 में कांग्रेस-जनता दल (सेक्युलर) की ओर से गठित ए.जे. सदाशिव आयोग की एक रिपोर्ट के आधार पर लिया गया.

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