महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट के बड़े फैसले के बाद राज्य में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच जुबानी वार पलटवार देखने को मिल रहा है। पहले उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉफ्रेंस कर एकनाथ शिंदे पर जोरदार हमला किया और उनको नैतिकता की दुहाई दी, जिसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे को नैतिकता का नाटक करने का आरोप लगा दिया।
NCP-कांग्रेस से मिलते वक्त कहां थी नैतिकता- शिंदे
सीएम शिंदे ने कहा, उद्धव ठाकरे को यह बताना चाहिए कि जब उन्होंने एनसीपी और कांग्रेस के साथ सीएम पद के लिए हाथ मिलाया था तो क्या वह अपनी नैतिकता भूल गए थे। उन्होंने नैतिक आधार पर इस्तीफा नहीं दिया था, लेकिन हार के डर के कारण पद छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा, अगर ठाकरे को नैतिकता की इतनी ही पड़ी होती तो वो बीजेपी का साथ ही नहीं छोड़ते और शिवसेना बीजेपी की सरकार महाराष्ट्र में बनाते, लेकिन कुर्सी के लालच में उन्होंने एनसीपी और कांग्रेस से हाथ मिला लिया। शिंदे ने कहा कि हमें बालासाहब का सपना साकार करने के लिए ये कदम उठाना पड़ा।
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नैतिकता की बात उद्धव को शोभा नहीं देती- फडणवीस
वहीं डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उद्धव के पास सरकार बचाने का सही नंबर था ही नहीं, इसलिए उनका जाना तय था। आगे उद्धव ठाकरे पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार गिरना तय था, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया। डिप्टी सीएम ने कहा कि उद्धव को नेतिकता की बात करनी ही नहीं चाहिए, वो उनके मुंह पर सही नहीं लगती। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जीत है और हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले से संतुष्ट हैं।
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MVA की साजिश नाकाम
देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा कि आज महा विकास अघाड़ी (MVA) की साजिश नाकाम हो गई है। उन्होंने कहा कि अब किसी को भी संदेह नहीं होना चाहिए कि महाराष्ट्र सरकार पूरी तरह से कानूनी है।
उद्धव ठाकरे ने क्या कहा था?
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि बाद वाले को “नैतिक आधार” पर पद छोड़ना चाहिए, यह आरोप लगाते कहा, उन्होंने सत्ता संभालने के लिए “लोकतंत्र की हत्या” की। यह देखते हुए कि शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि अगर उन्होंने 2022 में पद से इस्तीफा नहीं दिया होता तो शायद उन्हें फिर से मुख्यमंत्री पद पर बहाल कर दिया जाता, ठाकरे ने कहा कि वह अपने लिए नहीं बल्कि महाराष्ट्र के लोगों के लिए लड़ रहे हैं।
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