उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव के लिए सीटों के आरक्षण का ऐलान हो चुका है. यूपी की 761 नगर निकायों में सीटों के आरक्षण की घोषणा कर दी है. निकाय चुनाव के आरक्षण के लिए जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक लखनऊ नगर निगम सीट को महिला आरक्षित किया गया है.
17 नगर निगमों के महापौर पद के लिए आरक्षण
यूपी के 17 नगर निगमों के महापौर पद के लिए आरक्षण की स्थिति की बात करें तो आगरा में अनुसूचित जाति महिला, झांसी अनुसूचित जाति, शाहजहांपुर पिछड़ा वर्ग महिला , फिरोजाबाद पिछड़ा वर्ग महिला, सहारनपुर पिछड़ा वर्ग, मेरठ पिछड़ा वर्ग, लखनऊ महिला, कानपुर महिला, गाजियाबाद महिला के लिए आरक्षित हैं. इसके साथ ही वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या, मथुरा, वृंदावन अनारक्षित में हैं.
राज्यपाल ने पारित किया संशोधित अध्यादेश
नगर निकाय में सीटों के आरक्षण जारी होने के बाद चुनावी शोर भी शुरू हो जाएगा. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की ओर से निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण संबंधी संशोधन का अध्यादेश पारित होने के बाद नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने प्रेस कान्फ्रेंस कर आरक्षण का नोटिफिकेशन जारी किया. उन्होंने नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों में सीटों के आरक्षण की सूची जारी की है.
762 नगर निकायों के लिए होने हैं चुनाव
बता दें कि उत्तर प्रदेश में करीब 762 नगर निकायों के लिए चुनाव होने हैं. इनमें नगर निगम की 17, नगर पालिका परिषद की 199 बाकी शेष नगर पंचायत की सीटें हैं. यूपी नगर निकाय चुनाव को लेकर नगर निगम की सीटो में 6 सीटों में परिवर्तन हुए हैं, इसके साथ ही ओबीसी के लिए 205 सीटें पहले भी थी और अभी भी हैं. हालांकि आरक्षण की इस लिस्ट के अनुसार नगर पालिका परिषद सिसवा बाजार और बस्ती जिले की पंचायत भानुपर को इस आरक्षण लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है.
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OBC आरक्षण के बिना सरकार चुनाव नहीं कराना चाहती- ए.के. शर्मा
वहीं आरक्षण के नोटिफिकेशन को जारी करते हुए यूपी के नगर विकास मंत्री एक शर्मा ने कहा कि हमने कहा था बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव हम नहीं कराना चाहते हैं. नगर पंचयतो में 544 का आरक्षण जारी कर दिया गया है. हम लोगो ने ऑर्डिनेंस लाया है और इसी व्यवस्था के तहत अंतिम सूची जारी की है.
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नगर विकास मंत्री ने कहा कि आयोग ने कहा था कि यह बहुत बड़ा राज्य है कई लोग असंतोष भी कर रहे थे. अब आयोग के परिवर्तन से फायदे हुए हैं, 39 नगर पंचयतो में अनुसूचित जाति का कोई प्रतिनिधित्व नहीं था, लेकिन अब बहुत फर्क पड़ा है. अब केवल 14 जिले ऐसे रह गए हैं, जहां अनुसूचित जनजाति के लिए पहले 1 सीट थी अब 2 सीट हो गयी हैं. वहीं नगर पालिका में 73 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं.
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