पश्चिम बंगाल में रामनवमी की शोभायात्राओं पर अलग अलग क्षेत्रों में हुई हिंसा पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने राज्य की ममता सरकार को फटकार लगाते हुये कहा कि अगर आप से हालात नियंत्रण में नहीं आ रहे हैं तो आपको केंद्रीय बलों की मदद लेनी चाहिये। दरअसल, रामनवमी पर हावड़ा, हुगली समेत कई जगहों पर हिंसा भड़की थी। इस दौरान पुलिस पर हमले किये गये और कुछ वाहनों को आग भी लगाई गयी।
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कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने की सुनवाई
कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम की खंडपीठ मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य पुलिस अगर हालात को संभालने में विफल हो रही है, तो केंद्रीय बलों की मदद ली जानी चाहिए।
शुभेन्दु अधिकारी ने दायर की थी याचिका
दरअसल, बीजेपी के विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेन्दु अधिकारी की ओर से हुगली जिले के रिसड़ा में हुई हिंसा पर जनहित याचिका दायर की गयी थी। जिस पर हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा था। बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले दिनों हनुमान जन्मोत्सव पर राज्य में हिंसा की आशंका व्यक्त की थी।
अतीत की घटनाओं से सबक लेना चाहिए- हाईकोर्ट
अब हाईकोर्ट के निर्देश बाद ममता सरकार ने कोलकाता, हुगली व बैरकपुर में तीन कंपनी केंद्रीय बल की तैनाती के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से मांग की है। दरअसल, हाईकोर्ट की खंडपीठ ने हनुमान जन्मोत्सव का जिक्र करते हुए कहा कि “अतीत की घटनाओं से सबक लेना चाहिए। बीमारी को लेकर अग्रिम बचाव बेहद जरूरी है। उच्च न्यायालय ने कहा कि उन्होंने आठ-09 साल पहले गणेश चतुर्थी की शोभायात्रा पर इसी तरह से हिंसा को लेकर सुनवाई की थी। तब उन्होंने ठोस निर्देश दिए थे और तब से गणेश चतुर्थी पर शांति बरकरार है”
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