नेपाल को उसके नए उपराष्ट्रपति मिल गए है। शुक्रवार को नेपाल के चुनाव आयोग ने इसकी घोषणा कर दी है। अब मधेसी नेता रामसहाय प्रसाद यादव पड़ोसी मुल्क के नए उपराष्ट्रपति होंगे। बता दें, पहले से ही रामसहाय प्रसाद यादव के उपराष्ट्रपति बनने की संभावना थी।

ये रहे उम्मीदवार

जनता समाज पार्टी से रामसहाय प्रसाद यादव, सीपीएन-यूएमएल से अष्ट लक्ष्मी शाक्य, जनमत पार्टी से प्रमिला यादव और ममता झा उपराष्ट्रपति पद के लिए रेस में शामिल हुए थे जिसमें रामसहाय ने बाजी मार ली और वह नेपाल के नए उपराष्ट्रपति बन गए हैं।

प्रधानमंत्री की बैठक निकली बेनतीजा 

इससे पहले, बुधवार को काठमांडू में उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर आम राय बनाने के लिए प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के आधिकारिक आवास पर राजनीतिक दलों की बैठक भी हुई थी जो बेनतीजा निकली थी। नेपाली कांग्रेस की तीन प्रमुख पार्टियों, सीपीएन-माओवादी सेंटर और सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट समेत सात दलों का समर्थन रामसहाय यादव को प्राप्त था। उपराष्ट्रपति बनने के लिए उनका नाम तो तय था। बता दें, नेपाल के दक्षिणी तराई क्षेत्र में ज्यादातर मधेसी समुदाय भारतीय मूल के हैं।

इन दलों का मिला समर्थन

बता दें कि चुनावों के बीच प्रमिला यादव ने उम्मीदवारी वापस ले ली थी और रामसहाय यादव का समर्थन किया। हालांकि, उनकी घोषणा के बाद भी, रविवार को चुनाव आयोग द्वारा उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी करने से पहले उनकी उम्मीदवारी आधिकारिक रूप से वापस नहीं ली गई थी। बता दें कि नेपाल में राष्ट्रपति की तरह, उपराष्ट्रपति का चुनाव भी होता है। ये चुनाव भारित मतदान प्रणाली के आधार पर होता है, जिसमें एक निर्वाचक मंडल गठित किया जाता है। इस निर्वाचन मंडल में संघीय संसद (प्रतिनिधि सभा और नेशनल असेंबली) और प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्य होते हैं।

जानें मतों का आंकड़ा

नेपाल की संघीय संसद के 332 मतदाताओं और प्रांतीय विधानसभाओं के 550 मतदाताओं के मतों का कुल भारांक 52,628 है जिसके आधार पर जीतने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 26,315 मत प्राप्त करने होते हैं।

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