विजयपुर उपचुनाव में रामनिवास रावत की करारी हार के बाद प्रदेश का वन मंत्री कौन होगा, इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि उनकी हार के बाद प्रदेश की खाली हुई मंत्री पद पर कौन सा विधायक कैबिनेट मंत्री बनेगा, इसकी चर्चा भी सियासी गलियारों में चर्चा का मुद्दा बन चुकी है।
नाराज नेताओं को मिलेगा मंत्री पद?
खबर यह भी है कि कैबिनेट में जगह न मिलने से नाराज बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है, हालांकि रामनिवास के इस्तीफे के बाद वन मंत्री पद को लेकर विधायकों की लाइन लगी है, जिसमें रहली से विधायक गोपाल भार्गव और नागर सिंह रेस में शामिल हैं, दरअसल लगातार 9 बार रेहली विधानसभा से चुनाव जीतकर आए गोपाल भार्गव नाराज चल रहे हैं, जिन्हें लेकर चर्चा है कि उन्हें फिर मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। हालांकि गोपाल भार्गव को ही मंत्री पद मिलना चाहिए, क्यों वे काफी अनुभवी और अच्छे-छवि और ईमानदार नेता माने जाते हैं और वे पूर्व की बीजेपी की शिवराज सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
रेस में भी सबसे आगे गोपाल भार्गव!
फिलहाल बीजेपी के नाराज नेताओं की सूची काफी लंबी है और बुंदेलखंड के नेताओं में काफी नाराजगी है, दरअसल बुंदेलखंड से एक मात्र नेता मोहन यादव की कैबिनेट में गोविंद सिंह राजपूत शामिल है, जो सिंधिया के साथ कांग्रेस से बीजेपी में आए थे, इसी कारण पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में नाराजगी ज्यादा है, मंत्री पद की रेस में गोपाल भार्गव, जयंत मलैया, ललिता यादव, भूपेन्द्र सिंह, बृजेंद्र प्रताप सिंह का नाम शामिल है।
रामनिवास कांग्रेस से 6 बार रहे विधायक
दरअसल कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल रामनिवास रावत को अपने ही गढ़ में उपचुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा, हालांकि इसी सीट से रामनिवास रावत कांग्रेस की टिकट से 6 बार विधायक रह चुके हैं और बीजपी में आने से उन्हें हार का सामना करना पड़ा, अब वे भविष्य को लेकर मंथन में जुट चुके हैं और अपनी हार की ठीकर बीजेपी नेताओं पर फोड़ रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी में हुए थे शामिल
दरअसल रामनिवास रावत कांग्रेस के टिकट पर 6 बार विधायक रह चुके हैं और दिग्विजय सरकार में मंत्री भी रहे हैं, साथ ही कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी थे, लेकिन रावत लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था और क्षेत्र के विकास के लिए बीजेपी पार्टी में शामिल हुए, जिसके बाद उन्हें मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और प्रदेश का वनमंत्री रहते हुए विजपुर का उपचुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें कड़ी शिकस्त मिली, हालांकि उन्हें विश्वास था कि मंत्री पद पर रहते हुए यह चुनाव वे आसानी ही जीतेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश की दो सीटों पर विधानसभा उपचुनाव हुए थे, हालांकि रामनिवास रावत विजयपुर सीट से चुनाव हार गए, जबकि बधनी सीट से बीजेपी 13 हजार वोटों से जीत दर्ज की है ।
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