प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज शाम नए संसद भवन का औचक निरीक्षण किया और विभिन्न कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने निर्माण श्रमिकों से बातचीत भी की। प्रधानमंत्री ने इमारत के अंदर एक घंटे से अधिक समय बिताया।
पीएम मोदी के साथ स्पीकर ओम बिड़ला भी साथ
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ पीएम मोदी ने संसद के दोनों सदनों में प्रस्तावित सुविधाओं का जायजा लिया। दरअसल, नए भवन के पिछले साल नवंबर तक पूरा होने की उम्मीद थी।
श्रमिकों से विशेष मुलाकात
अचानक नये संसद भवन पहुंचे पीएम मोदी की मौजूदगी से प्रशासन के हाथ पांव फूल गये। पीएम मोदी ने हर तरफ जाकर बारीकी से हर ब्लाॅक का जायज़ा लिया। इस दौरान उन्होंने वहां काम कर रहे श्रमिकों से विशेष मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने श्रमिकों से हर बात की जानकारी ली। पीएम मोदी ने हाथ जोड़कर श्रमिकों का अभिवादन भी किया।
नया संसद भवन तैयार, फिनिशिंग का काम बाकी
सेंट्रल विस्टा रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत तिकोने आकार का नया संसद भवन तैयार है। इसकी फिनिशिंग का काम चल रहा है। राजपथ से सटे शास्त्री भवन, उद्योग भवन, रेल भवन, विज्ञान भवन और इंदिरा गांधी नेशनल म्यूजियम अब यादों का हिस्सा हो जाएंगे। इनकी जगह नई इमारतें लेंगी।
जल्द उद्घाटन होने की संभावना
अब इसका जल्द ही इसका उद्घाटन होने की संभावना है। दिसंबर 2020 में प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी जिसमें आधुनिक सुविधाएं होंगी। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड 2020 में 971 करोड़ रुपये में परियोजना का ठेका मिलने के बाद इमारत का निर्माण कर रही है। हालांकि, माना जाता है कि परियोजना की लागत अधिक हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन के कामकाज पर बारीक नजर बनाए हुए हैं। केंद्र सरकार की इस परियोजना में उनकी खास दिलचस्पी तस्वीरों में साफ नजर आती है।
अद्भुत होगा नया संसद भवन
नए भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान हॉल, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान भी होगा। सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत, सरकार एक एक्जीक्यूटिव एन्क्लेव का भी निर्माण करेगी जिसमें एक नया प्रधानमंत्री कार्यालय, कैबिनेट सचिवालय, इंडिया हाउस और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय होगा। नई संसद का क्षेत्रफल 64,500 वर्ग मीटर होगा। ये राष्ट्रपति भवन से कुछ ही दूरी पर है।
क्यों बनाई जा रही नई बिल्डिंग?
मौजूदा संसद भवन को 95 साल पहले 1927 में बनाया गया था। मार्च 2020 में सरकार ने संसद को बताया था कि पुरानी बिल्डिंग ओवर यूटिलाइज्ड हो चुकी है और खराब हो रही है। इसके साथ ही लोकसभा सीटों के नए सिरे से परिसीमन के बाद जो सीटें बढ़ेंगी, उनके सांसदों के बैठने के लिए पुरानी बिल्डिंग में पर्याप्त जगह नहीं है। इसी वजह से नई बिल्डिंग बनाई जा रही है।
एक नज़र में देखें नये संसद भवन की ख़ूबी::
- अभी लोकसभा में 590 लोगों की सीटिंग कैपेसिटी है। नई लोकसभा में 888 सीटें होंगी और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने के इंतजाम होंगे।
- अभी राज्यसभा में 280 की सीटिंग कैपेसिटी है। नई राज्यसभा में 384 सीटें होंगी और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोग बैठ सकेंगे।
- लोकसभा में इतनी जगह होगी कि दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकेंगे।
- संसद के हरेक अहम कामकाज के लिए अलग-अलग ऑफिस होंगे। ऑफिसर्स और कर्मचारियों के लिए हाईटेक ऑफिस की सुविधा होगी।
- कैफे और डाइनिंग एरिया भी हाईटेक होगा। कमिटी मीटिंग के अलग-अलग कमरों को हाईटेक इक्विपमेंट से बनाया जाएगा।
- कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और VIP लाउंज की भी व्यवस्था होगी।