कर्नाटक विधानसभा चुनाव माहौल के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी के सुसाइड वाले बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्हेांने पीएम के सुसाइड नोट वाले बयान पर ट्वीट किया राहुल ने लिखा, पीएम मोदी को उन लोगों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए जिनके बच्चों ने किसी भी स्थिति में आत्महत्या की है.
दरअसल एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने एक कहानी सुनाई थी, जिसमें एक अंग्रेजी के प्रोफेसर की बेटी आत्महत्या कर लेती है और फिर जब उनके पिता को सुसाइड नोट की पर्ची मिलती है तो वह उसमें स्पेलिंग मिस्टेक्स पर बहुत नाराज होते हैं.
पीएम के बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी पीएम पर निशाना साधा है. प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, “अवसाद और आत्महत्या, खासकर युवाओं में, कोई हंसी-मजाक का विषय नहीं है”
प्रियंका ने कहा, NCRB के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में 1,64,033 भारतीयों ने आत्महत्या की. जिनमें से एक बड़ा प्रतिशत 30 वर्ष से कम उम्र का था. यह देश के लिए एक त्रासदी है, ये मजाक का विषय नहीं हो सकता है.
‘PM को जागरुकता पैदा करनी चाहिए’
प्रियंका ने पीएम को नसीहत देते हुए कहा, प्रधानमंत्री और उनके मजाक पर दिल खोलकर हंसने वालों को इस असंवेदनशील, रुग्ण तरीके से मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का उपहास करने के बजाय खुद को बेहतर ढंग से शिक्षित करना चाहिए और जागरूकता पैदा करनी चाहिए.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि, बचपन में हम एक चुटकुला सुनते थे वो बताना चाहता हूं एक प्रोफेसर थे और उनकी बेटी ने आत्महत्या की। वो एक नोट छोड़कर गई। मैं जिदंगी में थक गई हूं। मैं जीना नहीं चाहती हूं। मैं कांकरिया तालाब में कूदकर मर जाऊंगी। उन्होंने सुबह देखा कि बेटी घर पर नहीं है। तो बिस्तर में एक चिट्ठी मिली।
आगे पीएम मोदी ने कहा, तो पिता को बड़ा गुस्सा आया। मैं प्रोफेसर और इतने साल मेहनत की। अभी कांकरिया की स्पैलिंग गलत लिखकर जाती है। इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद सभी लोग पीएम मोदी ये बात सुनकर हंसने लगते है। पीएम मोदी के सुसाइट नोट वाले चुटकुले को लेकर अब सियासत भी शुरू हो गई है।