भारत के लिए विश्व बैंक से निराश करने वाली ख़बर सामने आई है। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, विश्व बैंक ने भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान घटा दिया है। रिपोर्ट में 1 अप्रैल 2024 को विकास अनुमान 6.6% से 6.3% तक घटने का अनुमान लगाया गया है। इस गिरावट का कारण आय के स्तर में कमी के कारण खपत में कमी है।
क्या मानते हैं विशेषज्ञ?
हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत के उच्च स्तर के सेवा निर्यात, जो 2021 के अंतिम तिमाही में नए शिखर तक पहुंच गए थे, विदेशी जोखिमों से अर्थव्यवस्था को संरक्षित रखने में मदद करेंगे क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था मंद हो रही है और इसका देश के माल निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव होने की उम्मीद है।
खुदरा महंगाई दर 6.6% से 5.2% तक घटने की उम्मीद
विश्व बैंक द्वारा प्रकाशित इंडिया डेवलपमेंट अपडेट के अनुसार, भारत में खुदरा महंगाई दर का अनुमान आर्थिक वर्ष 2023-24 में 6.6% से 5.2% तक घटने की उम्मीद है। इस अपडेट में यह भी दर्शाया गया है कि वर्तमान खाता घाटा (करंट अकाउंट डिफिसिट) की आंकड़ा आर्थिक वर्ष 2023-24 में 5.2% तक पहुंच सकता है। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ने अक्टूबर-दिसंबर में सालाना आधार पर 4.4% की वृद्धि दर्ज की है, जो पिछले साल की 11.2% और पिछली तिमाही की 6.3% से कम है।
विश्व बैंक के अहम बिंदू::
- विश्व बैंक ने कहा कि आय में धीमी वृद्धि और कर्ज के महंगा होने का असर निजी उपभोग की वृद्धि पर पड़ेगा।
- रिपोर्ट में कहा गया कि चालू खाता घाटा 2023-24 में कम होकर 2.1 प्रतिशत पर आ सकता है, जो तीन प्रतिशत था।
- मुद्रास्फीति के बारे में अनुमान जताया गया है कि यह 6.6 प्रतिशत से घटकर 5.2 प्रतिशत पर आ सकती है।