भारतीय कुश्ती संघ (Wrestling Federation of India) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे पहलवान आज अपना विरोध ​जताने के लिए अपने पदक गंगा नदी में बहाने हरिद्वार पहुंचे। लेकिन भारतीय किसान यूनियन के नेता नरेश टिकैत (Naresh Ticket) ने पहलवानों को समझाकर वापस लौटा दिया और पहलवानों से 5 दिनों का समय मांगा।

WFI के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर कार्रवाई की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी पहलवान खिलाड़ी आज हरिद्वार पहुंच गये। जहां हरि की पौड़ी पर वो अपने मेडल गंगा में बहाने जा रहे थे। इन खिलाड़ियों में साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया सहित देश के शीर्ष पहलवान मौजूद रहे। इस बीच पुलिस ने वहां सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी।

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पहलवानों के समर्थन में जुटी भीड़

प्रदर्शन कर रहे पहलवान जैसे अपने विश्व और ओलंपिक पदक गंगा नदी में बहाने को तैयार हुए वैसे ही ‘हर की पौड़ी’ पर काफी भीड़ इकट्ठा हो गयी। साक्षी, विनेश और उनकी चचेरी बहन संगीता सुबकती दिखायी दीं। पहलवान ‘हर की पौड़ी’ पहुंचकर करीब 20 मिनट तक चुपचाप खड़े रहे। फिर वे गंगा नदी के किनारे अपने पदक हाथ में लेकर बैठ गये।

नरेश टिकैत का आश्वासन

इसी बीच, भारतीय किसान यूनियन के नेता नरेश टिकैत भी हरिद्वार पहुंचे और उन्होंने पहलवानों को समझाया। उन्होंने पहलवानों से पांच दिन का समय मांगते हुए कहा कि पूरी सरकार एक आदमी को बचाने में लगी है। पहलवानों के मुद्दे को लेकर जल्द ही सभी खापों की बैठक की जाएगी।

मान गए पहलवान

नरेश टिकैत ने पांच दिन का समय मांगते हुए पहलवानों को मेडल न बहाने के लिए मनाया। टिकैत के आश्वासन के बाद पहलवानों ने उनकी बात मान ली। पहलवानों ने कहा कि वो भारतीय किसान यूनियन के आश्वासन के बाद अपने मेडल अभी गंगा में नहीं बहाएंगे। गंगा दशहरा के कारण आज हर की पौड़ी काफी भीड़ मौजूद थी, वहीं, ​पहलवानों के समर्थन में जुटे लोगों ने WFI के अध्यक्ष सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ जमकर नारे लगाए। इस दौरान वहां अफरा तफरी की स्थिति बन गई।

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