छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार और शराब घोटाला मामले पर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है, अब शराब घोटाले से जुड़ी आगे की जांच (कार्रवाई)  CBI (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) करेगी , यानी इस केस को राज्य की साय सरकार ने सीबीआई को सौंप दी है और जांच के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी है, हालांकि इसके पहले इसकी जांच ईओडब्ल्यू (EOW) कर रही थी।

दरअसल प्रदेश की वर्तमान की विष्णुदेव साय सरकार का आरोप है कि FL-10 लाइसेंस व्यवस्था के कारण पिछली कांग्रेस की सरकार में करीब 2200 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है, राज्‍य सरकार ने बीते नवंबर में ही इस केस को CBI के हाथों सौंपने का ठाना था, जिसके बाद से इसकी प्रक्रिया चल रही थी, वहीं अब CBI की सहमति भी मिल चुकी है साथ ही नोटिस जार कर दिया गया है।

शराब घोटाला क्या है ?

ED के मुताबिक कथित शराब घोटाला 2019-2022 के बीच का है, इस घोटाले को अलग-अलग तरीके से अंजाम दिया गया, इस दौरान शराब खरीद पर डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई,  साथ ही बेहिसाब देशी-शराब बेची गई थी, वहीं शराब बिक्री का कोई लेखा-जोखा फाइलों में दर्ज नहीं हुआ, जिस कारण प्रदेश के लिए कोई राजस्व भी नहीं मिला, हालांकि ED की टीम ने इसकी जब जांच कि तो पाया कि छत्तीसगढ़ मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड यानी सीएमसीएल बिल भुगतान के नाम पर 8 फीसदी कमीशन लेती थी, जिस पर ED की टीम ने CMCL (सीएमसीएल) के तत्कालीन DGM (डीजीएम) समेत 9 लोगों पर EOW-ACB में मामला दर्ज कराया।

मामले में आरोपी कौन ?

जानकारी के मुताबिक अनवर ढेबर, AP त्रिपाठी, अनिल टुटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन  शराब घोटाले के मुख्य आरोपी हैं, वहीं लगातार ACB और EOW मामले पर कार्रवाई कर रही थी, वहीं

आपको बतादें कि  प्रदेश में महादेव सट्‌टा एप, बिरनपुर हिंसा मामला, छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाला मामले की जांच CBI कर रही है।

पेंड्रा में महिलाओं से लाखों रुपये की ठगी, भगवान के दर्शन के नाम पर दिया झांसा, वारदात के बाद आरोपी फरार

देवास के इस बाजार में लगी भीषण आग, 4 की मौत, कैसे लगी आग ?

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here