जब कोई चीज गैरकानूनी घोषित करके पाबंदी लगा दी जाती है, तो वो मोटी कमाई का जरिया बन जाता है। बिहार में शराबबंदी के बाद शराब के साथ ऐसा ही कुछ होता रहा है। राज्य में शराबबंदी के बाद शराब शासन प्रशासन के लिए अवैध कमाई का जरिया बन गया है। बिहार में पिछले साल करीब एक करोड़ लीटर से अधिक शराब पकड़ी गई। पिछले साल दिसम्बर में ही राज्य में 7,111 जगहों पर छापेमारी की गई। इस दौरान 615 लोग पकड़े गए और 200 से अधिक वाहन जब्त हुए। हर मिनट 22 लीटर शराब की बरामदगी का आंकड़ा बताता है कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब की खपत कितनी है।
कोरोना काल में जिस शराब ने मोदी सरकार के शासनकाल में केंद्रीय अर्थव्यवस्था को सहारा दिया था, वही शराब बिहार में भाजपा+जदयू की नीतीश कुमार सरकार के लिए जी का जंजाल बन गया है।
बिहार की नीतीश कुमार सरकार में बिहार सरकार में भूमि सुधार राजस्व मंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता रामसूरत राय के एक स्कूल से शराब का जखीरा मिलने की ख़बर सामने आई थी। मंत्री के मालिकाना वाले स्कूल परिसर से भारी मात्रा में शराब बरामद के बाद से विपक्ष लगातार बिहार विधानसभा में हमलावर है।
गौरतलब है कि चार माह पहले सरकार में भाजपा कोटे के मंत्री रामसूरत राय के पिता के नाम की ज़मीन पर चल रहे स्कूल परिसर से भारी मात्रा में शराब मिली थी। इस मामले में पुलिस की कार्रवाई को लेकर 09 मार्च मंगलवार को उत्पाद विभाग के बजट पर चर्चा के दौरान सीपीआईएमएल (CPI-ML) के अमरजीत कुशवाहा ने सदन में सवाल किए थे। वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसमें सक्रियता दिखाते हुए शनिवार 13 मार्च की सुबह उस विद्यालय को चलाने वाले अमरेंद्र कुमार के छोटे भाई अंशुल भास्कर को मीडिया के सामने पेश किया था।
13 मॉर्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा था कि उक्त स्कूल का उद्घाटन भी मंत्री ने खुद किया है। उन्होंने इसकी तस्वीर भी संवाददाता सम्मेलन में दिखाई थी। राजद नेता ने जिस जमीन पर स्कूल है, उस स्कूल भवन का बिजली बिल भी दिखाया जो उनके भाई हंसलाल राय के नाम से आता है। तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि स्कूल का नाम अर्जुन मेमोरियल ज्ञान विद्या मंदिर है, जो मंत्री के पिता के नाम पर रखा गया हैं। कोई दूसरा व्यक्ति अगर स्कूल खोलेगा तो वह मंत्री के पिता के नाम पर स्कूल क्यों खोलेगा।
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को एक बार फिर आरोप लगाया कि इस मामले में मंत्री राय झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि ‘मुजफ्फरपुर’ के बोचहा थाना के जिस स्कूल से शराब बरामद की गई थी, उस स्कूल के संस्थापक मंत्री रामसूरत राय है तथा व्यवस्थापक और स्कूल के मालिक उनके भाई हैं।
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि इस मामले में स्कूल के हेडमासटर अमरेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया है, जबकि स्कूल में शराब से लदे ट्रक आने की सूचना उन्होंने ही बोचहा थाने में दी थी। उन्होंने मंत्री के बयान को झूठ बताते हुए कहा कि यदि मंत्री रामसूरत राय सच बोल रहे हैं कि जिस स्कूल के कैंपस से शराब बरामद हुई है, उससे उनका कोई वास्ता नहीं है और जमीन सालों पहले लीज पर दी गई, तो वे इससे संबंधित एग्रीमेंट सार्वजनिक करें तथा जमीन के बदले जो प्रतिमाह पैसा आता है, उसे लोगों के सामने रखें।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जान का ख़तरा
तेजस्वी यादव ने आगे कहा था कि इस मामले में सूचनादाता और स्कूल के हेडमास्टर को गिरफ्तार किया गया जबकि मंत्री और उनके भाई घूम रहे। वहीं, इस प्रेस कांफ्रेंस में गिरफ्तार अमरेंद्र कुमार के भाई अंशु भास्कर भी उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद 11 मार्च को उन्हें धमकी दी गई कि वह अपने भाई से मुलाकात कर उनसे पूरा मामला अपने सिर ले लेने के लिए कहे, नहीं तो पूरे परिवार की हत्या कर दी जाएगी।
अमरेंद्र का कहना है कि इस प्रेस कांफ्रेंस के बाद उनके और उनके परिवार के ऊपर ख़तरा और बढ़ गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने इस परिवार को सुरक्षा देने तथा मंत्री रामसूरत राय को बर्खास्त कर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।
वहीं 16 मार्च को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा में कहा है कि – “कथित शराबबंदी में बिहार में 01 करोड़ लीटर से ज्यादा शराब बरामद हुई। अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि घर-घर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए कितनी अरब-खरब लीटर शराब राज्य में पहुँच चुकी होगी? गोपालगंज शराब कांड में गरीबों को फाँसी की सज़ा सुना दी गई पर मंत्रियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती।”
बिहार के गोपालगंज जिले के चर्चित खजूरबानी जहरीली शराबकांड में एडीजे-2 सह स्पेशल जज (उत्पाद) लवकुश कुमार की कोर्ट ने 05 मार्च 2021, शुक्रवार को 13 में से नौ दोषियों को फांसी और चार महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
छठु पासी, कन्हैया पासी, रंजय पासी, मुन्ना पासी, राजेश पासी, नगीना पासी, लालबाबू पासी, सनोज पासी व संजय पासी को फांसी की सजा सुनाई जबकि एक आरोपित ग्रहण पासी की पहले ही मौत हो चुकी है।
वहीं कोर्ट ने तारा देवी, लालझरी देवी, इंदु देवी, कैलाशी देवी को आजीवन कारावास की सजा सुनाया था। चारों महिलाओं को आजीवन कारावास के साथ दस-दस लाख रुपए के अर्थदंड की भी सजा सुनाई गई थी।
गौरतलब है कि 15-16 अगस्त 2016 को गोपालगंज के नगर थाने के खजूरबानी में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई थी। इस शराब कांड में 10-12 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी।
बता दें कि बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी लागू किया गया था। शराबबंदी के पांच साल बाद भी राज्य के कई इलाक़ों में शराब की होम डिलीवरी हो रही है।
जिस मकान-गोदाम या वाहन से शराब बरामद हो रही है, उसको नीलाम करने का आदेश है, लेकिन सप्लाई जारी है। पिछले महीने चार जिलों- मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, कैमूर और रोहतास में जहरीली शराब पीने से लगभग बीस लोगों की मौत हो चुकी है।